बोर्ड के कार्य और कर्तव्य

यह प्रत्येक बोर्ड का कर्तव्य होगा, अब तक इसके निपटान पर धन, के लिए छावनी के भीतर उचित प्रावधान बनाने के लिए -

परिषद के कर्तव्यः

i) गलियों तथा अन्य सार्वजिनक स्थलों पर रौशनी की व्यवस्था;
ii) गलियों तथा अन्य सार्वजिनक स्थलों पर पानी की व्यवस्था;
iii) गलियों, सार्वजिनक स्थलों तथा नालियों की सफाई व्यवस्था गंदगी को हटाना तथा हानिकारक जंगली पौधों को काटना;
iv) आपत्तिजनक, असुरक्षित अथवा घृणित व्यवसाय पर नियंत्रित रखना तथा इसके प्रचलन पर रोक लगाना;
v) आम जनता की सुरक्षा, स्वास्थ्य, असुविधा को ध्यान में रखते हुए, अवांछनीय रुकाबटों तथा गलियों एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पड़ी सामग्री या निर्माण को हटाना;
vi) असुरक्षित भवनों तथा स्थलों को हटाना अथवा उन्हें सुरक्षित करना;
vii) मृत पशुओं के प्रशमन (दबाने) हेतु स्थलों का अर्जन, रखरखाव, परिवर्तन तथा उन्हें नियमित करना;
viii) गलियों, पुलियों, पुलों, पक्के रास्तों, बाजारों, बूचड़खानों, शौचालयों, संडासों, मूत्राशयों, नालियों तथा मलप्रवाह व्यवस्था (सीवेज) आदि का निर्माण, रद्दोबदल, अनुरक्षण करना तथा उन्हें नियमित करना;
ix) सड़कों के किनारे तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर पेड़ लगाना तथा उनका अनुरक्षण करना;
x) पेयजल उपलब्ध करवाना तथा जहां उसकी आपूर्ति नहीं है वहां उसकी आपूर्ति का प्रबंध करना, जल की रक्षा करना तथा उसका प्रदूषित होने से बचाव करना ताकि आम जनता ऐसे पेयजल का उपयोग न करे एवं पेयजल को प्रदूषित होने से बचाए रखना ताकि लोग इसका उपयोग न कर पायें;
xi) जन्म तथा मृत्यु का पंजीकरण करना;
xii) भयंकर बीमारियों की रोकथाम करना एवं उनकी जांच करना, आम जनता के लिए टीकाकरण प्रणाली स्थापित करना व उसका अनुरक्षण करना तथा उक्त उद्देश्यों के लिए टीकाकरण करना;
xiii) आम जनता के लिए अस्पतालों, मातृत्व तथा शिशु कल्याण केन्द्रों एवं दवाखानों की स्थापना करना, उनका अनुरक्षण अथवा सहायता करना तथा जनता को दवाई का राहत उपलब्ध करवाना;
xiv) प्राथमिक विद्यालयों की स्थापना करना, उनका अनुरक्षण करना एवं संबर्धन करना;
xv) अग्नि शमन में सहायता उपलब्ध करवाना तथा आग लगने पर जान-माल की रक्षा करना;
xvi) बोर्ड के अधीन अथवा प्रबंधन की संपत्ति का अनुरक्षण करना तथा उसका विकास करना;
xvii) सिविल सुरक्षा सेवाओं की स्थापना तथा उनका अनुरक्षण करना;
xviii) नगर योजना पद्धति को तैयार करना एवं लागू करना;
xix) आर्थिक विकास एवं सामाजिक न्याय की योजनायें तैयार करना व उनको लागू करना;
xx) गलियों तथा परिसरों के नंबर अंकित करना तथा उनका नामांकन करना;
xxi) भवन निर्माण करने अथवा पुनर्निमाण करने की अनुमति प्रदान करना अथवा मनाही करना;
xxii) सांस्कृतिक एवं खेल कूद गतिविधियां आयोजित करना, उनका विकास एवं संबर्धन करना;
xxiii) स्वतंत्रता दिवस तथा गणतंत्र दिवस के उत्सवों का आयोजन करना तथा इसके लिए आवश्यक व्यय करना;
xxiv) अन्य किसी उत्तरदायित्व को पूरा करना, इस अधिनियम अथवा वर्तमान के लिए लागू किसी नियम के अंतर्गत परिषद को सौंपा गया है।

संपत्ति के प्रबंधन की शक्तिः

केन्द्र सरकार द्वारा अधिरोपित शर्तों के अंतर्गत, परिषद के प्रबंधन में केन्द्र सरकार द्वारा सौंपी गई किसी संपत्ति का नियम की धारा 346 के अंतर्गत अथवा ऐसी शर्तों के निबंधन के अधीन तैयार किए गए किसी नियम के अनुसार ऐसी संपत्ति का प्रबंधन कर सकती है, जिससे प्राप्त होने वाले किराये तथा लाभांश के बंटबारे का प्रावधान ऐसे नियम के अंतर्गत किया गया है।

परिषद के विवेकाधिकार के कार्यः


(1) परिषद, छावनी के अंतर्गत, निम्नलिखित कार्यों का प्रावधान कर सकती हैः-
i. उन क्षेत्रों में शुरुआत करना, जहां पूर्व में कोई निर्माण था अथवा नहीं था, नई गलियों का निर्माण करना तथा इस उद्देश्य हेतु भूमि का अर्जन करना एवं भवन के निर्माण हेतु मिलान उनका करना तथा गलियों को इनके साथ मिलाना;
ii. सार्वजनिक पार्कों, उद्यानों, कार्यालयों, डेयरियों, स्नानागारों, धुलाई के स्थानों, पेयजल, पानी के फव्वारों, टंकियों, कूओं तथा सार्वजनिक उपयोग के अन्य कार्यों का निर्माण, स्थापना तथा अनुरक्षण करना;
iii. अविकसित बस्तियों का पुनरुद्वार करना;
iv. प्राथमिक विद्यालयों की शिक्षा के उद्देश्यों के लिए स्थापना एवं अनुरक्षण करना तथा इसके अतिरिकत अन्य माध्यमों से विकास करना;
v. उच्चतर विद्यालयओं, महाविद्यालयों तथा व्यावसायिक, वृत्तिक (प्रोफैशनल) एवं विशेष शिक्षा संस्थानों की स्थापना करना एवं उनका संबर्धन करना;
vi. आम जनता के लिए तथा निजी उद्देश्यों के लिए पानी की आपूर्ति हेतु वर्षा के जल के संरक्षण की व्यवस्था करना तथा इससे संबंधित कार्यों व ढांचों का निर्माण तथा अनुरक्षण करना;
vii. आम जनता के लिए तथा निजी परिसरों हेतु बिजली की व्यवस्था करना तथा इसके वितरण एवं आपूर्ति हेतु गैर-परंपरागत शक्ति के स्त्रोतों के दोहन के साथ इनका निर्माण, अनुरक्षण तथा प्रबंधन करना;
viii. जनगणना करवाना तथा उन सूचनाओं के लिए पुरस्कार मंजूर करना, जो सही पंजिकरण तय करने हेतु अत्यावश्यक आंकड़े जुटाते हैं;
ix. सर्वेक्षण कार्य करना;
x. स्थानीय महामारी के पनपने, बाढ़ आने, अकाल पड़ने तथा अन्य प्राकृतिक आपदाओं के व्यापत होने पर, राहत कार्य स्थापित करना या उनका अनुरक्षण करना एवं राहत प्रदान करना;
xi. आपत्तिजनक, असुरक्षित या घृणित व्यवसाय या व्यापार के लिए व्यापारियों के लिए उचित स्थान प्राप्त करना या प्राप्त करने में सहायता करना;
xii. सीवेज के निपटारे हेतु कोई स्थान (फार्म) अथवा अन्य क्षेत्र स्थापित करना तथा उसका अनुरक्षण करना;
xiii. ट्रॉमवे अथवा लोकोमोशन के अन्य साधनों, बिजली तथा बिजली के कार्यों के लिए निर्माण करना, उसके लिए अनुदान मंजूर करना तथा गारंटी प्रदान करना;
xiv. पशुबाड़े स्थापित करना तथा उनका अनुरक्षण करना;
xv. स्टेशन के कमांडिग अधिकारी की पूर्व स्वीकृति उपरांत सिविल नागरिकों की अगवानी आयोजित करना;
xvi. किसी भी वर्ग के निराश्रितों के लिए रिहायसी आवास उपलब्ध करवाना;
xvii. ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातत्व महत्व के स्थलों, छावनी में आम जनता के महत्व के पुराने स्थलों या पुरानी धरोहरों का संरक्षण तथा अनुरक्षण करना;
xviii. परिषद के प्रबंधन के अंतर्गत निहित भूमि संसाधनों का विकास करना;
xix. समूह आवास योजनायें तैयार करना तथा उन्हें लागू करना;
xx. वैतनिक परियोजनायें स्थापित करना एवं उनका उत्तरदायित्व संभालना;
xxi. लघु तथा कुटीर उद्योगों को विकसित करना;
xxii. शहरी शासन प्रणाली तथा स्थानीय स्व-शासन के विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता प्राप्त करना ताकि अन्य नगरपालिकाओं तथा विकास प्राधिकरणों को परामर्श देने के योग्य बना जा सके;
xxiii. धारा 62 में दिए गए उपायों के अतिरिक्त, अन्य उपाय अपनाना अथवा इस धारा के पूर्वर्ती प्रावधानों के अनुसार छावनी क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा सुविधाये विकसित करना;
xxiv. पुस्तकालयों, संग्रहालयों, कला विथियों (आर्ट गैलरीज़), वानस्पतिक तथा जीव-विज्ञान से संबंधी सुविधाओं की स्थापना, अनुरक्षण तथा संबर्धन करना;
xxv. क्रीड़ा स्थलों (स्टेडिया), व्यायामशाला (जिम्नेजिअम), अखाड़ों तथा खेल-कूद एवं खेलों से संबंधी सुविधाओं की स्थापना, अनुरक्षण तथा संबर्धन करना;
xxvi. नाट्यशालाओं तथा सिनेमाघरों की स्थापना करना;
xxvii. मेलों तथा प्रदर्शनियों का प्रबंधन व आयोजन करना;
xxviii. निम्नलिखित का निर्माण तथा अनुरक्षण करनाः-
(क) आराम-गृह;
(ख) गरीब खाने;
(ग) दवाखाने;
(घ) बालगृह;
(ङ) गूंगे, बहरे, अपंग, विकलांग बच्चों के लिए घर अपंगघर;
(च) अपंग तथा निराश्रय व्यक्तियों के लिए आश्रय स्थल;
(छ) मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के लिए पागलखाने;
(ज) वृद्धाश्रम;
(झ) नौकरी करने वाली महिलाओं के लिए होस्टल;
xxix. लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राहत के अनुसंधान से संबंधित पानी, भोजन तथा दवाइयों में बीमारियों की जांच के परीक्षण, विश्लेषण, रसायन तथा जीवाणु विज्ञान के लिए प्रयोग- शालाओं की स्थापना एवं प्रबंधन करना;
xxx. अपंग तथा निराश्रित व्यक्तियों को राहत पहुंचाना;
xxxi. पशु चिकित्सालयों की स्थापना एवं प्रबंधन;
xxxii. गोदामों तथा भंडार गृहों की स्थापना एवं प्रबंधन;
xxxiii. गैराजों, शैडों, वाहनों के लिए स्थलों तथा पशुओं के लिए पशुशालाओं (शैड) का निर्माण तथा उनका अनुरक्षण;
xxxiv. सामुदायिक भवनों तथा समागम भवनों का निर्माण तथा प्रबंधन;
xxxv. सैमिनार, कार्यशालायें, सार्वजनिक विवाद तथा विशेषकर नागरिक महत्व के मामलों, नियमों तथा विनियमों आदि के लिए इसी प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाना;
व्याख्या - उप-वाक्य के उद्देश्य से (xvii)-
(क) “संरक्षण” से अभिप्राय है किसी ऐतिहासिक, पुरातत्व, कलात्मक या सांस्कृतिक महत्व के स्थलों का पर्यवेक्षण, प्रबंधन व अनुरक्षण अथवा पर्यावरण तथा इसके बचाव, सुधार, परिरक्षण, पुनरुद्धवार, पुनर्निर्माण एवं अंगीकरण करना अथवा एक से अधिक गतिविधियों का संयोजन एवं उपयोग इस तरह किया जाना ताकि इससे सामाजिक तथा आर्थिक लाभ सुनिश्चित हों;
(ख) “प्राचीन तथा ऐतिहासिक स्मारकों, पुरातत्व स्थलों तथा अवशेषों एवं सार्वजनिक महत्व के स्थलों” जिनमें भवन, शिल्पकृतियां, व उससे संबंधित क्षेत्र अथवा ऐतिहासिक अथवा कलात्मक अथवा शैक्षिक अथवा विज्ञान संबंधी अथवा सांस्कृतिक अथवा पर्यावरण से संबंधित अथवा पर्यावरण के महत्व की वे सब प्राकृतिक विशिष्टतायें शामिल हैं, जोकि छावनी द्वारा घोषित की जाती हैं।
(2) चाहे उक्त स्थल छावनी की सीमा के भीतर हों अथवा बाहर, छावनी इनकी बेहतरी के लिए कोई भी प्रावधान कर सकती है। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा व्यय की घोषणा की गई होनी चाहिए अथवा छावनी द्वारा केन्द्र सरकार से स्वीकृति की प्राप्ति उपरांत, छावनी निधि से अथवा छावनी विकास निधि से उपयुक्त प्रभार के अंतर्गत उपरोक्त कार्यों परक यह व्यय कर सकती है।