हमारे बारे में

जम्मू छावनी परिषद् भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण में एक स्वायत्त निकाय है तथा छावनी अधिनियम, 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत अनिवार्य एवं विवेकाधीन कार्यों का निर्वहन करता है। छावनी अधिनियम के अंतर्गत परिषद अनिवार्य तथा विवेकाधिकार, दोनों तरह के कार्यो जैसेकि शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सफाई व्यवस्था, सड़कें, स्ट्रीट लाइटें, जलापूर्ति तथा जन्म व मृत्यु के पंजीकरण आदि के कार्य करती है। प्रशासनिक तथा सिविल प्रतिनिधित्व हेतु परिषद को सात वार्डों में विभाजित किया गया है। इसी तरह के विभिन्न अन्य नियम भी हैं जैसे कि छावनी लेखा कोड, छावनी निधि सेवक नियम, छावनी भूमि प्रशासन नियम तथा छावनी संपत्ति नियम, जोकि छावनी अधिनियम से ही निर्गत होते हैं।
वर्तमान में छावनी को, छावनी अधिनियम, 2006 एवं भारत सरकार, रक्षा मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी विभिन्न नीतिगत पत्रों तथा दिशा-निर्देशों के अंतर्गत शासित किया जाता है। यद्पि परिषद स्थानीय नगर पालिका निकाय के रूप में कार्य करती है, फिर भी यह महानिदेशक, रक्षा संपदा, नई दिल्ली तथा प्रधान निदेशक, रक्षा संपदा, पश्चिम कमान, चंडीगढ़ के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करती है।
छावनी परिषद में सात चयनित सदस्य, दो सैन्य नामित सदस्य, तीन पदेन सदस्य (स्टेशन कमांडर, दुर्ग अभियंता तथा वरिष्ठ अधिशासी चिकित्सा अधिकारी) तथा जिला मैजिस्ट्रेट के एक प्रतिनिधि सम्मिलित हैं। भारतीय रक्षा संपदा सेवा, जोकि केन्द्रीय सिविल सेवा है, के अधिकारी इसके मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) हैं। इसी हैसियत से वे परिषद के सदस्य सचिव के दायित्व का निर्वहन करते हैं। परिषद के प्रमुख, अध्यक्ष, छावनी परिषद (पीसीबी) होते हैं जोकि स्टेशन कमांडर हैं, तथा परिषद की बैठकों की अध्यक्षता करते हैं। चयनित सदस्यों की अवधि 5 वर्ष की है। उपाध्यक्ष का चुनाव चयनित सदस्यों में से किया जाता है।

  • क्षेत्र : 2485.356 एकड़
  • जनसंख्या : 28396 (2011 की जनगणना)
  • स्थापना : 1954